रोमी 12ः11 में प्रभु यीशु कहता है।
प्रयत्न करने में आलसी न हो हो।।2।।
1. बिन्ती करने के आलसी न हो हो।।2।।
2. महिमा करने के आलसी न हो हो।।2।।
3. विष्वास करने के लिए आलसी न हो हो।।2।।
4. बायबल पढ़ने के लिए आलसी न हो हो।।2।।
6. रोगी सेवा करने के लिए आलसी न हो हो ।।2।।
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हिन्दी भजन