ये माटी के पुतला तन मैं कहेबर अघुवाये
धन के लोभ म देव ला भुलागे जेहर हमर रचडइया है
1. नव महिना महतारी के ओदा
फिर प्रभु के कोरा रे (2)
बड़े रहे पाप कलेश म प्रभु करे तोर तोरा रे
बड़ मया वाला मयारू यीशु
हमर पाप छुड़ाये हे (2)
2. बड़ मुश्किल म मिले मनुषतन
कर प्रभु के सेवा रे (2)
बन धर्मी अऊ दयालु चोला मिलही तोला मेवा रे
का भरोसा ये माटी के
कब माटी म मिल जाही रे (2)
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छत्तीसगढ़ी गीत