आत्मा प्रभु का प्रेमी प्रभु का अभी तू आ

को. आत्मा प्रभु का प्रेमी प्रभु का 
अभी तू आ जा हमारे बीच मे 
अपनी आशीष उण्डेल ।2।

1. दलदल के बीच मे से दया से निकला हमें 
पाप घटा कर साफ कर दे अपनी सामर्थ से ।2।

2. प्रभु के सीने में मैं सिर रख कर आराम पाऊ 
प्यासा हू मैं तेरे प्रीत प्यार मिले मुझे ।2।

3. आत्मा के वरदानों से तृप्त कर दे मुझे
जाग उठू मैं चलने पाऊ ज्योति चमका मुझमें ।2।

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