जगत में आलय यीशु
ज्योति जलाय देलाय रे सेाना।।2।।
1. समाज कर भाई बहिन मन
अंधकार में न चला रे।।2।।
2. परिवार कर भाई बहिन मन
अंधकार में न चला रे।।2।।
3. मण्डली कर भाई बहिन मन
अंधकार में न चला रे।।2।।
4. पेरिस कर भाई बहिन मन
अंधकार में न चला रे।।2।।
5. कलीसिया कर भाई बहिन मन
अंधकार में न चला रे।।2।।
6. गाँव कर भाई बहिन मन
अंधकार में न चला रे।।2।।
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सादरी भजन