मोर भेड़ी गंवागे बेचारी
मैं खोजेव जंगल झ्ञाड़ी (2)
1. एक झे मनखे के टू झन लड़का
एक झन निकलगे आवारा संगी मोर (2)
ददा के धन ला जुआ मा उड़ाईस
ओके प्यार ला ओहर ठुकराईस
2. दुःख के घड़ी मा नईये सहारा
संगी मन भागीन छुटगे बेचारा (2)
पइसा हा सिराइस बरहा चराईस
बरहा के खाना ला अपन हा खाईस
3. अपन पीरा ओ हा पछताईस
ददा के घर मा लऊट के आईस (2)
आवा रे संगी आवा रे भाई
यीशु शरन मा मुक्ति ला पाईस
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छत्तीसगढ़ी गीत