क्रूस उठाना है हम सबको अपना

को.    क्रूस उठाना है हम सबको अपना
         ऐ मसीह नवजंवा यह वादा नही भूलना।।2।।


   1.     टूटे जीवन का बोझ लेके क्यों भटकता है।
            जुड़ते नही क्यों हाथ, तू क्यों बहकता है
            दे दे जीवन का बोझ सब कुछ उसे सहना
            ऐ मसीह….
  
   2.    है तू कितना व्यथित होक जीवन से निराश
          राहो पे कैसे चले होके इतना उदास
          ऐ मसीह… 
          आज तू हाल अपना, जा मसीह से कहना
          ऐ मसीह….
 
     3.   लौट जा तू अभी लेके साथ टुटा दिल 
           होंगे पाप छमा मसीह से तू मिल
           पाके प्यार उसका बन के दिया जलाना
           ऐ मसीह…..

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form