उज्जना घी चिता बुता नाम नंदत

उज्जना घी चिता बुता नाम नंदत
उल्ला माखा फिकिर नुम लैक्किम रअदत।।2।।
एका से कट्टो उज्जना ऐसेते बरओ सुखे
घोखदत ऐसेत बरओ सुखे।।2।।

1. खुखे नम्है एड़पा नुम मेडराई
र्धआ पोलदत चला काली।।2।।
झरा अर्खी ओन्दत किस लेखा लेड़ो मन्दत
बुंगी निसा हाय हुस्सीम मना कुद्दत।।2।।

2. सुखे नम्है परिबा नुम मेडराई
र्धआ पोलदत चला काली।।2।।
लड़ाई झगड़ा मन्दत ऐड़ेपन बिदोड़ नन्दत
तले नाम जिन्दगी भैर दुखेम खख्त।।2।।

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