बैएतलहम गोहर घरे सोने कमल फुले (2)
मधु मकखी उड़े तेकर शबद सुन्दर लागे कीमांदर बाजे
पंडित ज्ञानी मन खोजत हे पूछत हे
कोनो नगरे यीशु राजा जनमे की तारा चमके
सोना लोभन गन्धरस लेई - लेई के आवें
घुटनी टेक - टेक के दण्डवत कइर के यीशु के देलई
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छत्तीसगढ़ी गीत