झील में थी कस्ती और झील में तूफान

झील में थी कस्ती 
और झील में तूफान 
तूफान तूफान तूफान में घिरा आन 

1. कस्ती में शागिरद और तूफानी थी लहरें ।।2।।
    लहरें लहरें लहरें  डगमगाया ईमान 

2. होना जाए हलक, ऐ खुदावंद बचा ।।2।।
    और यीशु सो रहा था उनके दरमयान 

3. हवा और पानी को तब, यीशु ने डांटा ।।2।।
    अमन हुआ तब आयी सबके जान में जान 

4. हवा पानी भी इसका मानते हैं कहना ।।2।। 
    हैरत से सब कहते, ये कैसा है इंसान

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form