को०- हे मेरे स्वामी रे, हे मेरे
त्राता ले चल
हाथ पकड़ के
मेरा रे जब तक पांव न थकेंगे
और जब मेरे पोव
थकेंगे, गोदी अपनी उठा लेना
गोदी अपनी उठा
ले ......... हे मेरे स्वामी रे
1. तुझ ही को मैंने स्वामी है जाना।
हाँ जब से मैंने
तुझे पहचाना,
पर तू तो मेरा
ऐसा है स्वामी
माता के पेट से
ही जाना रे,
माता के पेट से
ही चुना
हे मेरे स्वामी
रे
2. जब कभी संकट मुझे आ घेरा,
हाथ बढ़ाके उसे
हटाया
तेरे जैसा कौन
मेरा प्रेमी,
मेरा बोझ भी
उठाया ।।2।।
हे मेरे स्वामी
रे
3. हे मेरे स्वामी हे मेरे त्राता,
तेरे जैसा कौन
मेरा भ्राता
मेरा तुझ पे
जीवन अपना,
ले चल जिस ओ
जाना रे ।।
हे मेरे स्वामी
रे