को०- ओदे सुनू तो ओदे मांदर बाजाथे
रसिका जिऊ कतई
सुन्दर उदकथे ने ओदे
1. जिऊ जेकर फरियर, होबे
करी फरियर
कया उनकर
ऐसने हे मनक जिऊ
उदकथे ..........ओदे
2. मधु सुरे गावैं, जोड़य
करी नाचें
केतई रीझे रीझ
गोटा गाँव केर
प्रेम देखु उमड़थे ..........ओदे
3. दिनो पहर कामे काम, राति
पहर नाचैं
गावैं सोब झन
देखें चंदा
देखी-देखी मुस्काथे..........ओदे
4. प्यार जे गाँवें रही, दुःख दंद भागेल
रही नहीं
प्रभु भी तो
देखी-देखी सहराथे..........ओदे