1. हो, होरे याकूब चली
गेलैंय ।।2।।
हरान देसे हायरे याकूब चईल गेलैंय ।
(हरे याकूब चईल गेलैय हायरे ।।2।।
2. डहार में याकूब बिरी डूबय ।।2।।
पखेना का सिरा लेले सुईत गेलैंय
(हरे याकूब निदाय गेलैंय हायरे ।।2।।
3. आधा राती याकूब स्वप्न देखाय ।।2।।
स्वर्ग से एक सिढ़ही लगल आहे।
(स्वर्ग दुत गन चढ़ाये उतराय हायरे ।।2।।
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बेंजा डण्डी