1. प्रभु के साथ जीना कितना आंनद है।
कोरस - रोगियों की सेवा करना बंदियों को छुड़ाना
कंगालों को सुसमाचार सुनाना।।2।।
2. यीशु के साथ जीना कितना आंनद है।।2।।
3. आत्मा के साथ जीना कितना आंनद है।।2।।
4. प्रार्थना के साथ जीना कितना आंनद है ।।2।।
5. संतो के साथ जीना कितना आंनद है ।।2।।