सास टूटी रे काया मिट जाए
आत्मा तो प्रभु में मिल जाए रे।।2।।
जीया जीया जीया नहीं रही
कया कया कया नही रहीं।।2।।
1. मनवा तोर जिन्दगी में जे भी कमाले।
नी पारबे जे जे रे मरन के बादे।।2।।
सोना सोना सोना रूपा छुटी जाय।
हीरा हीरा हीरा मोती छुटी जाय।।2।।
2. नी देखी प्रभु तोर अमीरी जीवन।
देखी रे जिन्दगी कर चाल रे चलन।।2।।
दया दया दया नही रहीं।
क्षमा क्षमा क्षमा नही रहीं।।2।।
3. का करबे मनवा तोय प्रभु के बसे।
पुछी जे प्रभु रे मोेके नी जानले।।2।।
आलों आलों आलों भिखारी के रूप
में।
आलों आलों आलों अन्धा के रूप मेें।।2।।