बोलो जय मिलकर जय
बोलो जय मिलकर जय
बोलो जय जय जय
1. तेरे प्रेम की यही रीत
मन में भर दे अपनी प्रीत
तेरे पे्रम के गाये गीत।।2।।
2. क्रुस पर अपना खून बहा
मुझ पापी को दी सिफा
मन मेरे तू बोल सदा।।2।।
3. तेरी कुदरत की यह शान
खुद दाता खुद ही दान
प्ूरे कर मन के अरमान।।2।।
4. खिदमत अपनी ले मुझसे
इस मंदिर में तू बसे
हिन्द में तेरा ना रहे।।2।।