संतोष उमड़ रहा संतोष उमड़ ही रहा


संतोष उमड़ रहा-2 
संतोष उमड़ ही रहा,
हाल्लेलुयाह 
यीशु ने मुझे बचाया मेरे पाप को धो दिया
संतोष उमड़ रहा...... 

1.रास्ता भटक घूम रहा था 
उस रास्ते में खोया हुआ था,
फिर भी यीशु प्यार किया 
उसने मुझ पर रहम किया ।2। 
कितना अच्छा यीशु मुझे अपना बनाया... 

2. मन न फिराए हुए लोग, 
नरक में रोते रहेंगे 
मैं तो सुंदर स्वर्ग में 
नया गीत गाऊंगा ।2। 
कितना अच्छा यीशु मुझे अब तक बचाया.......

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