जगमग - 2 दिया जले तोर हायरे हाय

 

को०- जगमग - 2 दिया जले तोर हायरे हाय ।।2।।

    कभियो न बुझे, कभियो न रिझे

    जलते रहे दिया तोर ।।2।।

 

1. कोन घरी आवी तोर प्रीतम प्यारा, केऊ जाने न

    जगमग दिया जले घटे नही तेल सुनें

    कभियो न .......।।2।।

 

2 मत को ढियाबे, न नहीं रे निंदाबे, प्रीतम अचकाले आई

    मंगल गीत गाऊ प्रीतम पायल सुनें

    कभियो न .......।।2।।

 

3. सुन्दर मुखड़ा तोर मइला नहीं होय,

    जीऊ केर ओहे खुलथे तकदीर सुनूं

    अंधरिया भागथे तकदीर सुनूं

    कभियो न .......।।2।।

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