सुन तो संगी साधू सुन तो संगी साधू रे

 

सुन तो संगी साधू सुन तो संगी साधू रे

    आइज कर दिन हेके मनन केर

    नया जीवन जिन्दगी के पावेक केर

    नया जीवन जिन्दगी केर

 

1. जमिन्दारी परिया रौर पुरूख मन कर

    कैसन रहे प्रभु यीशु ले जीऊ उनकर ।।

    मसीही भेलैं जाइत डुबालें ई कोल मन

    लूटी लेवा जमीन जगह, भगावा ढेर तान

    मौर खात रहैं पुरखा घोड़ा कोड़ा से ।।2।।

    लहू बहत रहे मुड़ कर एड़ी डहर से

    ओहे लाहू फुटी गेल झरना सन

    झुलसल जंगल पहाड़ हरियर सन

    एखन आंइखे दिसताहे ।।2।।

 

2. छोड़ी देरे कोल यीशु के तोर का लागेला

    बिलेत से यीशु आलक का तोर बाप लगेला

    हाँ गऊंझ ओहे हमर उद्धार करैया

    सोब दुःख हरैया सरग लेगैया

    ई काचा काया के तोंय माइ भोराय दे ।।2।।

    यीशु केर जीव किनल हके उकरे रहे दे

    कया कहीं जाय जीव कहीं जाये नहीं

    यीशु से नाता कभु छुटे नहीं

    झण्डा मसीह के कभु झुके नहीं

 

3. कताई घर उजाड़े भेल, कतई सुना भेल

    बाप माय से छऊवा पुता कतई तुदा भेल

    लेकिन जहां कहीं गेलें ई टुरा मन

    ज्वाला मुखी बनी फुटलैं सरग जोती संग

    केहर मना करी इनके बिजली समाना ।।2।।

    ईश्वर बाप अपन हके यीशु खजाना ।।

    मुड़ी कइट जाई लेकिन कभी झुकी नहीं

    मुड़ से यीशु पगड़ी कभी गिरी नहीं

    मसीही हेकों बात मोर टली नहीं

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