को०- ओहरे हायरे सुन्दर चरिता धरी
चलें धीरे
डगरे-डगरे ......... सुन्दर
1. सुन्दर चरितावान, गरीबो
होई
तेंहों धनवान -2
प्रभु पर करे
ध्यान बढ़ाय ऊकर ओहे मान
देवे बुद्धि
ज्ञान
जिन्दगी में ऊकर
लेखे केहर भगवान -2
2. ऎसन जन धीरजमान, तकलीफों
होई
नहीं मुरझाय - 2
अपन करम करल जाय, दुनिया करे आय बॉय
नहीं घबराय
प्रभु उपरे
ओठेंग करी, जीवन बिताय - 2
3. ऎसन मनक जिन्दगी पर उपकार
कहल जायला - 2
पड़ोसी के अपन
लेखे, जात-पात नहीं देखे
प्यार देवेला
मोरलो बादे ऐसन
जन, अमर होयला - 2
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ईश भजन 2007