हे प्रभु रौर बिन आवागही होवी दीन हीन

 

को०- हे प्रभु रौर बिन आवागही होवी दीन हीन ।

    "मोके अपने से दूर नहीं किन्हा" -2

 

1. जे है हमर अवगुण, हे प्रभु सोबके दूर किन्हा

    और चरण में मोके जगह दिन्हा -2

 

2. समझ अरू बुझकेर, हे प्रभु ऎसन ज्ञान दिन्हा

    मगन रहूँ तोर में, वरदान दिन्हा -2

 

3. जहाँ-जहाँ जाना जे काम, करना कइह दिन्हा

    लगल रहों तोर कामे दान दिन्हा -2

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