को०- हे प्रभु रौर बिन आवागही होवी दीन हीन ।
"मोके अपने से दूर नहीं किन्हा" -2
1. जे है हमर अवगुण, हे
प्रभु सोबके दूर किन्हा
और चरण में मोके
जगह दिन्हा -2
2. समझ अरू बुझकेर, हे
प्रभु ऎसन ज्ञान दिन्हा
मगन रहूँ तोर
में, वरदान दिन्हा -2
3. जहाँ-जहाँ जाना जे काम, करना कइह दिन्हा
लगल रहों तोर
कामे दान दिन्हा -2
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ईश भजन 2007