हे पिता तेरे आँगन में, गा रहे हैं, नाच रहे हैं

 

को०- हे पिता तेरे आँगन में, गा रहे हैं, नाच रहे हैं।

    खुशियाँ मना रहे हैं हाँ ।।2।।

 

1. दुनिया के झमेले से दूर, तेरी ही नजर में है ।।2।।

    हल्लेलुयाह गा रहे हैं, खुशियाँ मना रहे हैं ।।2।।

 

2. चिंताओं से बरी होकर तेरे चरण में हैं ।।2।।

    वाणी तेरी सुन रहे हैं, खुशियाँ मना रहे हैं ।।2।।

 

3. विपदाओं से परे हटकर, तेरे ही आड़ में है ।।2।।

    होशियाना गा रहे हैं खुशियाँ मना रहे हैं ।।2।।

 

4. हे पिता ऐसा होने दे, तेरे ही पास रहें ।।2।।

    दिन-रात गाते रहें, खुशियाँ मनाते रहें ।।2।।

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