को०- हे यीशु तुने मानव को ये कैसा प्यार दिया है
कि पापिन खातिर, तुने अपना प्यार दिया है
ये कैसा प्यार
दिया है
1. दुनिया के पापों को दुनिया के दलत से
मिटाया नहीं जा सका
मानव के पापों
को नदियों के पानी से धोया नहीं जा सका
तुने अपना लहू
बहा के यीशु जी
मानव का पाप
धोया है- ये कैसा ...
2. पापों की गठरी, मानव
के ताकत से उतारी नहीं जा सकी
शैतान की बेड़े
जो पैरों में जकड़ी जग बुद्धि तोड़ न सकी
यीशु तू जग का
पाप उठा के
सूली पर चढ़ गया
है - ये कैसा....
3. पिता से मानव का नाता जो टूटा था,
तूने यीशु जोड़
दिया, हमारे लिए खुद, होम
बली होके तू
पिता का दिल
मोड़ दिया, मृत्युंजय होके पिता से मिलके
हमको मिला लिया
है, अनन्त प्यार दिया - ये कैसा....