हईर हईरे मसीही भाई आगे बढ़रे

 

को०- हईर हईरे मसीही भाई आगे बढ़रे,

    हायरे कभियो न कांपे तोरा

    गोड़ रे मसीही भाई आगे बढ़ रे ।।2।।

 

1. मसीही माने हके, बाढ़ लखे उमैंड़ पड़े,

    पहाड़ पर्बत तोड़ी फोईड़ के

    केतो रोकैं रुके नहीं, बढ़े मसीही भाई आगे बढ़रे ।।2।।

 

2. आगी पड़े अजर पड़े, काल भी गर आगे आवे

    मसीही जवाला फूईंट के, धरती के फारी आगे बढ़े

    मसीही भाई आगे बढ़रे ।।2।।

 

3. मसीही हारे नहीं, अन्याय से झुके नहीं,

    चाहे काटि जाये मूड़ रे

    विजयी पगड़ी गिरे नहीं, मसीही शई आगे बढ़रे ।।2।।

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