पिता तुझसे विनती हमारी पवित्रात्मा देना

 

को०- पिता तुझसे विनती हमारी पवित्रात्मा देना ।।2।।

 

1. बिन उनकी अगुवाई के मेरा, जीवन अधूरा हो जाता ।।2।।

    जिधर भी जाता ठोकर खाता, कोई न सहारा होता ।।2।।

 

2 बिन उनके मुझे ज्ञान की बातें सच्चाई का फ्थ नहीं दिखता ।।2।।

    जिन कामों में मै हाथ लगाता, श्रम फल अधूरा हो जाता

 

3. पवित्रात्मा देदे कि मुझमें जीवन सफल हो जाए

    जिधर भी जाऊँ तेरा गुण गाऊँ, दुनिया को ज्योति दिखाऊँ

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