धर्मे बाबा हो निग्है चोन्हा आलार नू अजगुत कोंहा रई ।।2।।
1. आ रोगे नू आ दुखे बीरी ।।2।।
2. आ कीड़ा नू आ ओनका बीरी ।।2।।
3. आ संकट नू आ बिपत बीरी ।।2।।
4. आ खिलपत नू आ सस्ती बीरी ।।2।।
5. आ काना नू आ बरना बीरी ।।2।।
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कुँड़ुख़ भजन
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प्रभु आप सभी को आशीषित करें...
Lord bless you all...
आमीन
amen