1. जीवन जो तुझको पाना है,
यीषु की शरण में आना है।
हृदय को अपने यीषु की,
चरणो में भेंट चढ़ाना है।।2।।
2. जीवन यीषु ऐसा वो देता
जिसमें न मौत का भय होता
मौत को जीत लिया जिसने
उससे ही जीवन पाना है।।2।।
3. तू गीत उसी के गाये जा
जीवन में ढाढस दिलाए जा।
वचनो को अपने में बसा
उसी में चलते जाना है।।2।।
4. महिमा है उसी अपरम्पार
उसकी ही रचना है संसार
तारीफ जुबां से कैसे करूं
सूरज को दीप दिखाना है।।2।।