1. आँसु की खाटी में,
जब मैं हुआ था निरस्त
आँसु बहाने वाला प्रभु
कार्य करेगा मेरा।।2।।
तेरा मन न हो निरास
तेरा मन न हो भयभीत
सर्वदा तेरे साथ
रहेगा अन्तर की शाम
2. अग्नि की भट्ठी हो
या सिंहो का गुफा हो।
बंदीगृह और मरूस्थल
मृत्यु को आने दो।।2।।
3. कब तक करूं इंतजार,
करूं मैं प्रभु तेरे आने की।
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हिन्दी गीत