को०-- हाँ जो भी यीशु में जीवन करते हैं अर्पण
वो बुद्धिमान
हैं, वो ज्ञानवान हैं
यीशु रतन धन
पाये हैं ।।2।।
वो बुद्धिमान
हैं, वो ज्ञानवान हैं
1. धन्य है वे जो मन के दीन हैं
क्योंकि स्वर्ग
राज्य उन्हीं का है ।।2।।
धर्म के भूखे और
प्यासे हैं।
ईश्वर के ये ही
तो प्यारे हैं
ईश्वर के ये ही
तो दुलारे हैं।
बुद्धिमान हैं
ये ज्ञानवान हैं, यीशु......
2. धन्य हैं जो दयावान हैं।
क्योंकि ये ही
दया के पात्र हैं ।।2।।
मन के शुद्ध हैं
और ये नम्र हैं
ये ही तो जगत के
तारे हैं
ये ही तो जगत के
सितारे हैं
बुद्धिमान हैं
ये ज्ञानवान हैं, यीशु .....
3. धन्य हैं जो उनकी छांव में
अपनी जिन्दगी
संवारते हैं ।।2।।
बुद्धिमान हैं
हां वो महान हैं
क्या ही किस्मत
वाले हैं।
बुद्धिमान हैं
ये ज्ञानवान हैं, यीशु .....