को०- यीशु–यीशु बोल रे मन यीशु
यीशु बोल
अरे मन यीशु बोल, यीशु बोल ।।2।।
1. मन–मन में क्या
बोलना, अरे भाई ह जरा खोलना
।।2।।
जिसने अपना जीवन
स्वांस, दिया तेरे नथनों में घोल
हाँ रे दिया
तेरे नथनों में घोल, यीशु बोल ..........
2. जब तेरा स्वांस यीशु बोले, भोले तुम मुँह क्यों न खोले ।।2।।
जोर लगा के यीशु
यीशु बोल, जीवन है अनमोल
हाँ रे जीवन है
अनमोल, यीशु बोल .....
3. गबन न हो तेरे तन का, ईश्वर का जो है भवन ।।2।।
दिल खोल अपना
यीशु यीशु बोल, मन तेरा न हो डावाँडोल
हाँ रे मन तेरा
न हो डावाँडोल, यीशु बोल ......
4. रहे मन मन्दिर उनका, रे मन करले जतन ।।2।।
उसी के नाम का
करले भजन, होता जा संपन्न
हां रे होता जा
संपन्न, यीशु बोल.......