को०- हे पिता तेरा प्यार, इतना
है, इतना है ।
वर्णन किया नहीं
जाये।
1. सालों भर मेरे घर का अगुवा, तु ही रहा हे पिता ।।2।।
सुख भी आया, दु:ख भी आया : इसमें भी तेरा प्यार पाया
2 हर दिन तेरे वचन की अगुवाई, मिलती रही हे पिता ।।2।।
वेदी पर की आशीष
मिलती : हर दिन तेरा प्यार पाया
3. हर दिन हर क्षण हे पिता तेरा, पाया है तेरा सहारा ।।2।।
भटके भी थे हम, गिरे भी थे हम : तब भी तेरा प्यार पाया
2. आलस न करना, नहीं सो
जाना
प्रीतम किस घड़ी
आये ।।2।।
मिलने का मंगल
गीत तू गाना
रीतम को अति ये
सुहाय......
3. मलीन न होय तेरा, सुन्दर
हृदय को जो हैं
तस्वीर ।।2।।
अंधकार का जोर, है जाने वाला
खेलने वाली है
तकदीर.......