को०- जिसने प्रभु भजन में अपना,
जीवन संवारा है
वो कभी न उदास
वो कभी न निराश
होता है मंगल गीत व गाता है ।।2।।
1. जीवन उसका हरा भरा, कभी
न मुरझाने वाला
स्वर्गीय जल से
सींचा वो जाता ।।2।।
मीठे फलों का वो
दाता है....
2. ईश्वर का भय और प्रेम भरोसा, उसके जीवन का राज है
धर्म न्याय और
सिधाई का रास्ता ।।2।।
धरता आगे ही
बढ़ता है....
3. उसका सर कभी झुकता नहीं, वो हर काम में प्रवीण है।
जय का मुकुट
उसके सर दमके ।।2।।
मैला कभी वों
होता नहीं ....